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विवाह मुहूर्त
विवाह मुहूर्त
विवाह मुहूर्त के विषय में मुहुरातचिंतमणि में वृहद् रूप से दिया है|
अब हम सबसे पहले जानेंगे की किस महीने में विवाह शुभ है तथा सूर्य किस राशि में हो तोह विवाह करना शुभ है | तोह मिथुन, कुम्भ, मकर, वृश्चिक, वृष, मेष इन राशियों के सूर्य में विवाह शुभ है और मिथुन के सूर्य में आषाढ़ शुक्ल की दशमी तिथि तक शुभ और वृश्चिक का सूर्य होने पे कार्तिक में , मकर का सूर्य होने पर पोषः में, मेष का सूर्य हो तोह चैत्र में भी विवाह शुभ है | अर्थात इन महीनो में उक्त राशि में सूर्य होने पर भी विवाह होना शुभ है |
अब हम जानेंगे की किन किन नक्षत्रों में तथा किन किन तिथियों में विवाह किया जाता है | तोह मृगशिरा , हस्त, मूल,अनुराधा, मघा, रोहिणी, रेवती, तीनो उतरा, स्वाति यह नक्षत्र नैवेघ हो तोह विवाह शुभ है | तथा नवमी, चतुर्थी, चतुर्दशी और ाभाष्या इन तिथियों को छोड़कर अन्य तिथियों में, शुभ अवसर में विवाह शुभ है | अब हम यह जानेंगे कि विवाह में जयेष्ट वर और जयेष्ट कन्या का क्या विशेषता है |
तो विवाह में जयेष्ट महीना, जयेष्ट लड़का या जयेष्ट मास्स और जयेष्ट कन्या हो तोह इन का विवाह मध्यम होता है और यदि जयेष्ट बालक और जयेष्ट कन्या तथा जयेष्ट महिना यह तीनो हो तो अशुभ होता है | किसी किसी आचार्य का मत है की आव्यशकता पड़ने पर कृतिका के सूर्य को छोड़ कर तीनो जयेष्ट शुभ है | परन्तु जयेष्ट कन्या और जयेष्ट वार कभी भी शुभ नहीं है | गुरु अस्त और शुक्र अस्त होने पर विवाहादि संस्कार नहीं किये जाते है | क्युकी गुरु आध्यात्मिक सुख का कारक है अब हम जाने अन्यजनो के विवाह का मुहूर्त कृष्ण पक्ष में शनि मंगल, रविवार तथा विवाह में वर्जित नक्षत्रो में संक्रिण जातियों का विवाह हो तोह बालक आयु , धन लाभ और प्रीतिदायक होता है |