Aug
19
लग्न कुंडली में शुक्र का प्रभाव
लग्न कुंडली में शुक्र का प्रभाव
जन्म कुंडली में शुक्र गृह का विचार इसलिए किया जाता है क्योंकि शुक्र ग्रह के द्वारा सुख शांति भूमि भवन वाहन आदि के बारे में विचार किया जाता है यदि जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह छटे स्थान में बैठा हो तो निष्फल हो जाता है | अर्थात कोई शुभ अशुभ फल नहीं देता है परन्तु यही शुक्र ग्रह यदि सप्तम स्थान में अकेले बैठा हो तो वह अशुभ फल देता है चुकी जन्म कुंडली में सातवे स्थान का विचार पति पत्नी के संबंधन के बारे में किया जाता है तो शुक्र ग्रह यदि अकेला बैठा हो तो पति पत्नी में सम्बन्ध अच्छा नहीं होने देता यानि बिगाड़ देता है यह एक दूसरे के ऊपर आरोप और प्रत्यारोप भी लगाते है | जीवन में शुक्र ग्रह का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण है यह ग्रह पूर्व और दक्षिण दिशा का स्वामी है तथा गौर और श्याम वर्ण का है साथ में यह जल तत्व ग्रह है इससे कुघ , विया आदि के बारे में विचार किया जाता है तथा जल सम्बंदित ग्रह होने के चलते हमारे शरीर में जो जल तत्व है उसके बारे में विचार किया जाता है साथ में यह स्त्री जाती का ग्रह है | इस ग्रह के प्रभाव से जातक का रंग गेहूवा रंग का होता है | यदि जन्म कुंडली के लग्न स्थान में जन्म लेते समय शुक्र बैठा हो ततो समझ जाइये की वह लड़का गेहूवा रंग का होता है साथ में इससे काम , सुख आदि के बारे में विचार किया जाता है | संगीत के बारे में भी इस ग्रह के माध्यम से होता है यदि कोई सुन्दर काव्य गाने वाला होता है या चित्रकार होता है तो उसका नाम देश विदेश में भी होता है शुक्र ग्रह यदि शुभ ग्रहो के साथ बैठा हो तो या अपने उच्च राशि यानि मीन राशि में बैठा हो चुकी मीन राशि में शुक्र उच्च का हो जाता है तो अच्छा फल देता है | जन्म कुंडली के पांचवे स्थान में यदि शुक्र बैठा हो तो जातक सभी शास्त्रों को जानने वाला होता है यानि विद्यावान होता है | यदि गायरवे घर में बैठा हो तो शुक्र अपने मित्र ग्रह के साथ बैठा हो तो यह भूमि, वाहन , वहां का लाभ करता है | चतुर्थ स्थान में यदि शुक्र बैठा हो तो इससे माता का विचार किया जाता है यदि जिस जातक का जन्म दिन में हुआ है वह शुक्र ग्रह के द्वारा उसके माता के बारे में विचार किया जाता है साथ में शारीरिक सुखो के बारे में विचार किया जाता है इसलिए शुक्र ग्रह आपके जन्म कुंडली में अशुभ अवस्था में हो कोई शुभ फल नहीं दे रहा हो आपके घर में कलह हो या व्यापार में हानि हो तथा शारीरिक को कोई कमजोरी हो या कफ की अधिकता हो तो समझ जाये आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह ख़राब है या भूमि वाहन नहीं हो तो भी वह शुक्र ग्रह के कारण हे होता है इसलिए उस व्यक्ति को कोई सनसारिक लाभ प्राप्त नहीं होता है इसका निवारण है ॐ शुक शुक्राये नमः इस मंत्र का प्रति दिन जप करना चाहिए साथ में चावल लेकर गाये को खिलाना चाहिए जिसकी कुंडली में शुक्र ग्रह ख़राब हो तो उससे हाथ में चावल लेकर अपना नाम गोत्र लेकर यख कहना चाहिए मई शुक्र ग्रह निवारण के लिए मैं गाये को चावल खिलने जा रहा हूँ या जा रही हूँ उसके पश्चात घर में यदि पूजा पाठ करते हो तो पूर्व दिशा के तरफ मुख कर के भगवान् सूर्य को जल देने के बाद शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का १०८ बार जप करना चाहिए इस मंत्र को शुक्रवार के दिन से आरम्भ करना चाहिये साथ में सफेद कपडे में चावल बाँध कर चीनी बाँध कर शुक्रवार के दिन दान करना चाहिए इससे शुक्र ग्रह अनुकूल हो जाता है हुए अशुभ फल नष्ट हो जाते है और वह शुभ फल प्रदान करने लगते है |