Nov
11
देव दीपावली
देव दीपावली के दिन सर्वप्रथम स्नान आदि से निमृत हो कर के पूर्व दिशा के तरफ मुख करके बैठे और हाथ में जल लेकर संकल्प ले की मे अपने परिवार के कल्याण के लिए, सुख समृद्धि के प्राप्ति के लिए देव दीपावली के दिन तथा कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान् विष्णु तथा शिव का पूजन आराधना करने जा रहा हूँ इसमें भगवान् विष्णु का पूजन होता है और साथ में पूरे कार्तिक माह में भोर में गंगा स्नान करने का विधान है गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के रोगो और बीमारियों का विनाश होता तथा आरोग्यता की प्राप्ति होती है | शिव का पूजन इसलिए किया जाता देव दीपावली के दिन अर्थात कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान् शिव ने टीपुरा सुर का वध किया था इससे देवता गैन प्रसन्न हो करके पृथ्वी लोक पर आये और दिया जला करके अंधकार से प्रकाश की ओर असत्य पर सत्य के विजय के ख़ुशी में देवताओ ने हर्षोउल्लाष के साथ डीप जला करके दीपावली मनाई थी इसी दिन को पृथ्वीपर देव दीपावली कहा जाता है तो उस दिन पूर्व दिशा के तरफ मुख करके हाथ में जल लेकर के संकल्प करना चाहिए उसके पश्चात काठ की चौकी पर पीला वस्त्र बिछा करके भगवान् विष्णु का मूर्ति रख करके उसको पांच बार जल से स्नान करवाए उसके पश्चात पंचामृत से स्नान करवाए उसके बाद शुद्ध जल से स्नान करवाए उसके सुन्दर सुन्दर वस्त्र पहनाना चाहिए यगोपवीत चढ़ाना चाहिए उसके पश्चात उपवस्त्र चढ़ाना चाहिए फिर तीन बार आचमन करे भगवान् विष्णु को पीला चन्दन लगाए सुन्दर सुन्दर पुष्प मलये पहनाये पीला पुष्प भगवान् विष्णु को प्रिय है उससे अवस्य चढ़ाये ओर साथ में तुलसी की माला भी पहाये फिर तुलसी पत्र चढ़ाये ओर पीला पीड़ा चढ़ाये साथ में खीर पुवा नाना प्रकार के मिष्ठान को चढ़ाये उसके पश्चात धूप दिखाना चाहिए दीपक दिखाना चाहिए उसके बाद आचमन करे उसके बाद जो नवैद्य चढ़ाये है उसके ऊपर पांच बार आचमन करे उसके पश्चात फल चढ़ाये ताम्बूल चढ़ाये साथ में लौंग इल्लची ओर कड़ी ऊपरी चढ़ाये साथ में दक्षिणा भी चढ़ाना चाहिए साथ में दक्षिणा भी चढ़ाना चाहिए उसके बाद भगवान् से प्राथना करे हे भगवान् विष्णु नारायण हे डीनो की रक्षा करने वाले दीनानाथ स्वामी आप हमारे ऊपर प्रसन्न हो आप हमारे सभी परिवार के दुखो का नाश करे हमे सुख समृद्धि प्रदान करिये यह प्रातकालीन पूजा हो गया उसके पश्चात सायकाल में घी का दिया जलना चाहिए पूरे घर में घी का दिया जलना चाहिए साथ में अपने पूजा स्थल पर भी घी का दिया जलाये दो दरवाजे पर जलाये दीपक जलने से घर में सुख समृद्धि होती है जो दिया पूजा स्थल पर जलाया गया है उसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए अक्षत ओर पुष्प लेकर के दीपक से प्राथन करा चाहिए की हे दीप देवता आप उमरे घर में निवास करिये आपके कृपा से आपके प्रकाश से हमारे घरो के दुखो का नाश हो तथा हमारे परिवाए का कल्याण हो साथ में लक्ष्मी माता का आगमन हो क्यूंकि जिस घर में घी का दीपक जलाया जाता है वह भगवती लक्ष्मी प्रसन्न हो करके उस घर में निवास करती है ओर उस घर की साड़ी दरिद्रता दूर हो जाती है | दिया से प्राथन करने के पश्चात ॐ नमो भगवते वासुदेवाये या ॐ नमो नारायणाय या ॐ नमः शिवाये इन् मंत्रो का १०८ बार जाप अवस्य करना चाहिए जब करने के पश्चात जिस स्थान पर आप जप कर रहे है उसके सामने चमच से शुद्ध जल गिराए ओर दाहिने हाथ की अनामिका ऊँगली से तीन बार उस जल को अपने मस्तस्क पे लगाए इस प्रकार पूजा करने से भगवान् विष्णु भगवान् शिव साथ में माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है ओर सारे देवता गण प्रसन्न हो करके पूजा करने वाले को सुख समृद्धि ओर आशीर्वाद प्रदान करते है |