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गणेश चौथ
गणेश चौथ
प्रत्येक वर्ष की भाति इस वर्ष गणेश चौथ १३ जनवरी दिन सोमवार २०२० को पड़ेगा | यह जो त्यौहार है उससे बक्रतुण्डि चतुर्थी और तिलकुटी चतुर्थी तथा सभी लोग इससे गणेश चौथ के नाम से भी जानते है क्यूंकि यह त्यौहार मांग महीने के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि के रात्रि में मनाया जाता है और इस दिन गणेश जी का विधि विधान से पूजा किया जाता है | महिलाये अपने पुत्रो के द्रिघः आयु के लिए इस व्रत को करती है साथ में जब चन्द्रमा उदय होता है तब दूध से चन्द्रमा को अर्घ देती है और प्रदक्षिणा करके चन्द्रमा को प्रणाम करती है इस वर्ष रात्रि आठ बज कर चौदह मिनट के बाद चन्द्रमा को अर्घ दिया जाएगा | पुराणों केव अनुशार एक कथा है की भगवती पार्वती के मन में एक बार विचार हुआ की वह कुछ समय अकेले में बिताये और स्नान करे तब उन्होंने सोचा की अगर मे किसी भी गण को नियुक्त करुँगी तो पहरे पे तो उन्हें सारे देवता गण जानते होंगे तो वह किसी न किसी देवता को भवन के अंदर भेज देंगे तो उन्होंने अपने शरीर के मेल से गणेश नामक पुत्र को उत्पन्न किया और साथ में उससे देव्या शक्ति भी प्रदान की और कहा पुत्र जब तक मे अंदर हु तम किसी को भी अंदर भवन में मत आने देना जब भी शंकर जी तपस्या से उठ कर देवी से मिलने आये तो उन्हें गणसिह जी ने रोक उन्होंने उनसे पूछा हे बालक तुम कौन हो जो मुझे मेरे घर में जाने से रोक रहे हो उन्होंने कहा की यह माता की आज्ञा है तब शंकर जी बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने अन्य देवताओ से कहा की इस बालक को हटा दीजिये वरना में इसका वध कर दूंगा | सभी देवताओ क्वे समझने पर भी वह नहीं माने तब उनसे सभी देवताओ ने बारी बारी युद्ध करने लगे परन्तु सभी लोग परास्त्र हो गए तब शंकर जी ने क्रोध में अपने त्रिशूल से उनका सिर काट दिया जब भवन के बाहर शोर सुन्न के पार्वती जी आयी तो उन्होंने क्रोध में शंकर जी से कहा की मेरे पुत्र को आपने मारा है तो आप हे जीवित कीजिये तो शंकर जी ने विष्णु जी से कहा की आप इस बालक के सिर के स्थान पर किसी भी जीव का सिर लगा दीजिये तो उन्होंने सुदर्शन चक्र से कहा की इस पृथ्वी पे सबसे पहले जो जीव आपको दिखे उसका सिर मुझे लाकर दे दीजिये तब उन्होंने एक हाठी का सिर लाकर भगवान् शंकर को दे दिया तो गणेश जी के सिर के स्थान पर हाथी का सिर लगा कर उन्हें जीवित किया तब सारे देवी देवताओ और स्वयं भगवान शिव और पार्वती जी ने कहा की आपकी पूजा सबसे पहले होगी और साथ में जो स्त्री चतुर्थी के दिन और मांग माह में आपकी पूजा करेगी उसके बालक की रक्षा सदैव गणेश की करेंगे साथ में उन्होंने यह भी कहा अगर आपकी पूजा पहले नहीं की गयी तो कोई भी देवता उस पूजा को स्वीकार नहीं करेगा तभी से गणेश भगवान् की पूजा मांग माह के चतुर्थी तिथि के दिन को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है |