Jul
21
सावन में रुद्राभिषेक पूजा का महत्व
भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन महीना में रुद्राभिषेक की पूजा का बड़ा महत्व है। रुद्राभिषेक यूं तो कभी भी किया जाए यह बड़ा ही शुभ फलदायी माना गया है। लेकिन सावन में इसका महत्व कई गुणा होता है। शिवपुराण के रुद्रसंहिता में बताया गया है कि सावन के महीने में रुद्राभिषेक करना विशेष फलदायी है। रुद्राभिषेक में भगवान शिव का पवित्र स्नान कराकर पूजा-अर्चना की जाती है। यह सनातन धर्म में सबसे प्रभावशाली पूजा मानी जाती है जिसका फल तत्काल प्राप्त होता है। इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों के सभी दुखों का अंत करते हैं और सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं। सावन माह में रुद्राभिषेक पूजा करवाने से जातक की कुंडली में मौजूद विभिन्न ग्रह दोष शांत होते हैं। रुद्राभिषेक की पूजा प्रशिक्षित पंडितों द्वारा ही करानी चाहिए। यह माह मनोकामना,आकांक्षाओं और मनवांछित फल की पूर्ति का समय होता है। रुद्राभिषेक की पूजा से जीवन के नकारात्मक हालात भी बदल जाते है।
-: रुद्राभिषेक के शुभ फल :-
- घर-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं का साया समाप्त होता है।
- समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- दुखों का अंत होता है।
- लक्ष्मी का वास घर में सदैव बना रहता है।
-: इन तिथियों पर कर सकते हैं रुद्राभिषेक :-
रुद्राभिषेक आप सावन सोमवार,प्रदोष व्रत और शिवरात्रि पर बिना विचार कर सकते हैं। हर महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया,पंचमी,षष्ठी,नवमी,द्वादशी तथा त्रयोदशी तिथिऔर कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा,चतुर्थी,पंचमी,अष्ट्मी,एकादशी,द्वादशी तथा अमावस्या तिथि को रुद्राभिषेक करना मंगलकारी माना जाता है क्योंकि देवों के देव महादेव ब्रह्माण्ड में घूमते रहते हैं। महादेव कभी माँ गौरी के साथ होते हैं,तो कभी कैलाश पर विराजते हैं,तो रुद्राभिषेक तभी करना चाहिए जब शिव जी का निवास मंगलकारी हो।