Jul
26
सावन महीनें में कालसर्प पूजा
भगवान शिव के प्रिय महीना सावन आने वाला है। सावन के महीने में सोमवार व्रत और शिवरात्रि के साथ-साथ पड़ने वाले नाग पंचमी त्यौहार का भी खासा महत्व है। मान्यता है कि नाग पंचमी की पूजा करने से कालसर्प दोष कम हो जाता है।इस दिन नाग देवता की पूजा होती है।नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से भी जातक कालसर्प दोष को कम कर सकते है। इसके अलावा कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को सावन के महीने में हर रोज भगवान शिव का पूजा करना चाहिए।और पूजा के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भी इस योग का दोष दूर होता है। ज्योतिषशास्त्र में मांगलिक योग की तरह कालसर्प योग को भी अशुभ माना गया है।
कालसर्प दोष क्या है?
अगर किसी की कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह समा जाते हैं तो उसे कालसर्प योग बनता हैं। ऐसी मान्यता है कि जातक के पूर्व जन्म में किसी जघन्य अपराध या शाप की वजह से उसकी कुंडली में कालसर्प योग बनता है।ऐसे व्यक्तियों को अक्सर सपने में सांप नजर आते हैं। व्यक्ति खुद को पानी में डूबता या ऊंचाई से गिरता हुआ देखता है। इस योग के विषय में कहा जाता है कि जो लोग पूर्व जन्म में सांप की हत्या किये होते है अथवा पिता एवं गुरू का अपमान करते हैं उनकी कुण्डली में यह योग बनता है।
कालसर्प दोष से मुक्ति:-
यह योग जिनकी कुण्डली में मौजूद है उन्हें सावन के महीने में भगवान शिव का नियमित जलाभिषेक करना चाहिए। सावन मास शिव का मास है और शिव नागों के देवता हैं। इसलिए सावन मास इस योग के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए उत्तम है।
नाग पंचमी:-
नाग पंचमी हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है और भगवान शिव का नागों के साथ जुड़ाव इस त्योहार को और विशेष बना देता है।मान्यता है कि नाग पंचमी की पूजा करने से कालसर्प दोष कम हो जाता है। यह इस साल 13 अगस्त दिन शुक्रवार 2021 को पड़ रहा है।