Aug
04
सावन शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि का महत्व, तिथि तथा समय
भगवान शिव के प्रिय मास सावन या श्रावण का प्रारम्भ 25 जुलाई दिन रविवार से होने जा रहा है।सावन का हर दिन भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम और श्रेष्ठ होता है।आप प्रत्येक दिन विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।सावन माह में सावन सोमवार व्रत हो या फिर मंगला गौरी व्रत दोनों ही शिव और शक्ति का आशीष प्राप्त करने का साधन है।यदि आप किन्हीं कारणों से इन व्रतों को नहीं कर पाते हैं,तो आपको निराश होने की जरुरत नहीं है,आप सावन शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं।सावन शिवरात्रि व्रत का भी विशेष महत्व होता है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखते हुए आप भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें और उनकी कृपा का लाभ उठाए।
सावन शिवरात्रि का महत्व-:-
सावन की शिवरात्रि को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्द सुन लेते हैं। भगवान भोलेनाथ का दिन सोमवार माना जाता है और उनकी पूजा का श्रेष्ठ महीना सावन माना गया है। माना जाता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत रखने से पापों का नाश होता है। कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत रखकर अच्छे जीवनसाथी के मिलने की प्रार्थना करती हैं। विवाहित स्त्रियां व्रत को अपने सुहागन के कुशल जीवन और लंबी आयु के लिए रखती हैं। और कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए भी इस दिन विशेष पूजा की जाती है।
सावन शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि तिथि तथा समय-:-
मासिक शिवरात्रि हर माह की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार,सावन माह के चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 06 अगस्त दिन शुक्रवार शाम को 06:28 मि. पर हो रहा है। इसका समापन अगले दिन 07 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07:11 मि. पर होगा। शिवरात्रि को रात्रि पूजा का महत्व होता है,इसलिए सावन शिवरात्रि 06 अगस्त दिन शुक्रवार 2021 को है।