Aug
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सिंह संक्रांति का महत्व एवं तिथि
इस दिन सूर्य कर्क से सिंह राशि में प्रवेश करता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पूरे साल 12 संक्रांतियां ऐसी होती है जिसमें ये संयोग बनता है.वहीं,सूर्य जब राशि बदलता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है।मान्यता हैं कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और अपनी इच्छा अनुसार दान-पुण्य करने की परम्परा है।इस दिन को सभी बड़े पर्व के रूप में मनाते है। सिंह संक्रांति के दिन भगवान विष्णु सूर्य देव और भगवान नरसिंह का पूजन किया जाता है।इस दिन भक्त देवताओं का नारियल पानी और दूध से अभिषेक करते है बहुत से लोग इस दिन भगवान गणेश का भी पूजन करते है और प्रार्थना करते है। कुछ समुदायों में सूर्य राशि के कन्या राशि में प्रवेश करने तक विशेष पूजन किया जाता है।इस दिन सूर्य देवकी पूजा का खास महत्व होता है। क्योंकि सूर्य देव को सिंह राशि का देवता माना जाता है।
सिंह संक्रांति का महत्व
ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्माकारक ग्रह है। सूर्य का प्रभाव बढ़ने से रोग खत्म होने लगते हैं और आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। सिंह राशि में स्थित सूर्य की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है। लगभग 1 महीने के इस समय में रोज सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।तथा सूर्य देव को सिंह राशि का देवता मानते हैं इसलिए सिंह राशि के लोगों को इस दिन व्रत जरूर रखना चाहिए।सिंह संक्रांति के दिन घी खाने का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन घी का सेवन करने से ऊर्जा,तेज यादाश्त और बुद्धि में वृद्धि होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जो व्यक्ति सिंह संक्रांति के दिन घी का सेवन नहीं करता है। वह अगले जन्म में घोंघा के रूप में जन्म लेता है।
सिंह संक्रांति का तिथि
इस वर्ष 2021 में सिंह संक्रांति सावन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 17 अगस्त दिन मंगलवार को है।